इंदौर स्मार्ट सिटी मिशन के तहत इंदौर में फिलहाल 234 प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है जिनमें से 154 छोटे-बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। इसके बावजूद इंदौर प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में दूसरे शहरों से पिछड़ा है। पिछले दिनों पोर्ट ब्लेयर में हुए सातवें स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव और अवार्ड समारोह में भोपाल को बेस्ट स्मार्ट सिटी ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला है, जबकि मध्यप्रदेश को स्मार्ट स्टेट ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला। अवार्ड में इंदौर गायब है लेकिन केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की मासिक रैंकिंग में इंदौर देश में सबसे ज्यादा राशि खर्च करने वाला शहर बना है। प्रोजेक्ट क्रियान्वयन में पिछड़ने को लेकर स्मार्ट सिटी मिशन से जुड़े अधिकारियों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों के अपने-अपने तर्क हैं। उनका कहना है कि मूल अंतर प्रोजेक्ट के स्वरूप का है। भोपाल या ज्यादातर शहरों ने रिडेवलपमेंट के तहत अपना प्रोजेक्ट मंजूर कराया है जिसमें किसी नए हिस्से में स्मार्ट सिटी के काम हो रहे हैं
इंदौर का प्रोजेक्ट ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसलिए है क्योंकि यहां ज्यादा हिस्से में रेट्रोफिटिंग के तहत काम हो रहे हैं। इसमें पुराने शहर का स्वरूप बरकरार रखते हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया किया जाना है। जाहिर है, इस काम में चुनौतियां और कठिनाइयां दोनों ज्यादा हैं जबकि किसी खुले क्षेत्र में काम करना बेहद आसान है। इंदौर में रिडेवलपमेंट के तहत केवल एमओजी लाइंस का क्षेत्र लिया गया है। हालांकि वहां भी काम के नाम पर कुछ शुरू नहीं हुआ है